ठगी का मामला:महाकालेश्वर में जलाभिषेक के नाम पर फिर ठगी, यूपी के 3 श्रद्धालुओं को बनाया शिकार

श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में जलाभिषेक के नाम पर तीन श्रद्धालुओं से ठगी का मामला सामने आया है। उप्र से आए श्रद्धालुओं से 750 रुपए की एक ऑनलाइन रसीद लेकर दो फोटोकॉपी कराकर 4500 रुपए वसूले गए। मंदिर में प्रवेश के दौरान सुरक्षाकर्मी ने रसीद जांची तो हकीकत सामने आई। श्रद्धालुओं ने पहले मंदिर प्रशासन से शिकायत की। उसके बाद मंदिर प्रशासन ने मामला महाकाल थाना को सौंप दिया है। बुधवार को ऑनलाइन रसीद में भी ठगी का प्रयास करने का मामला सामने आने के बाद मंदिर प्रशासन चकित रह गया है। मंदिर के प्रशासकीय कार्यालय पहुंचकर श्रद्धालु ने बताया कि सहारनपुर, उप्र निवासी निखिल राज पिता राजकुमार कश्यप दो महिला सदस्यों के साथ मंगलवार को ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर के दर्शन के लिए आए थे।

तीनों सदस्य गर्भगृह में जाकर जलाभिषेक करना चाह रहे थे, लेकिन स्लॉट खत्म होने से ऑनलाइन टिकट उपलब्ध नहीं हो पाई। इसी दौरान प्रोटोकाल कार्यालय के पास फूल-प्रसादी की दुकान पर राजेश वर्मा नामक व्यक्ति मिला। राजेश ने गर्भगृह में जाने के लिए टिकट उपलब्ध कराने का भरोसा दिलाकर बुधवार को सुबह 6 बजे बुलाया। तीनों श्रद्धालु वहां पहुंचे तो राजेश ने मुकेश कोठारी को बुलाकर टिकट उपलब्ध कराने की बात कही। कोठारी ने प्रति सदस्य 1500 सौ रुपए लेकर टिकट दी और मंदिर के 4 नंबर गेट से प्रवेश कराया। इसी दौरान सुरक्षाकर्मी ने टिकट की जांच की तो एक टिकट 750 रुपए का लिया गया था। जिस पर मुकेश कोठारी की फोटो थी, लेकिन दो अन्य टिकट पहली टिकट की फोटो कॉपी कर श्रद्धालुओं को दी गई थी। मामला पकड़ में आने के बाद कोठारी श्रद्धालुओं को छोड़ वहां से भाग निकला। तीनों श्रद्धालुओं को कंट्रोल रूम लाकर पूछताछ की तो पूरा मामला सामने आया। फूल प्रसादी की दुकान लगाने वाले राजेश को भी कंट्रोल रूप बुलाया गया। श्रद्धालु की लिखित शिकायत के बाद मंदिर प्रशासक संदीप सोनी ने जांच करने के निर्देश दिए।

क्यूआर कोड के कारण पकड़ा गया मामला

मंदिर समिति ने पिछले महीने जलाभिषेक और शीघ्र दर्शन टिकट ऑनलाइन की है। खास यह है कि ऑनलाइन टिकट में क्यूआर कोड के साथ ही दर्शन को आने वाले श्रद्धालु का फोटो भी रहता है। प्रवेश के दौरान गेट पर जब जांच होती है तो मशीन क्यूआर कोड और फोटो के आधार पर टिकट को वेरिफाई करती है। बुधवार को भी टिकट की जांच के दौरान 750 रुपए की एक रसीद के अलावा दो अन्य रसीद की फोटोकॉपी होने से मशीन ने स्कैन नहीं किया, यहीं पर यह मामला पकड़ में आ गया।

फर्जीवाड़े में प्रसाद विक्रेता सहित तीन लोग शामिल

मंदिर समिति के प्रशासक संदीप सोनी के निर्देश पर सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल व आईटी सेल प्रभारी राजकुमार सिंह ने मंदिर में लगे कैमरे के फुटेज के आधार पर जांच की तो श्रद्धालुओं के साथ मुकेश कोठारी भी दिखाई दिया। सारे फुटेज देखने के बाद श्रद्धालुओं ने की शिकायत प्रथम दृष्टया सही निकली। जांच के बाद अब मंदिर प्रशासन ने महाकाल थाने को आगे की कार्रवाई के लिए श्रद्धालुओं की शिकायत के साथ पत्र लिखा है। बताया गया कि फूल प्रसादी विक्रेता राजेश वर्मा और मुकेश कोठारी के अलावा भी दो अन्य व्यक्ति मामले में शामिल हैं। इस प्रकार की शिकायतें मंदिर प्रशासन के पास पिछले चार दिनों से पहुंच रही थी, जिसके कारण नजर रखी जा रही थी। बुधवार को सुबह मामला पकड़ में आ गया। मंदिर प्रशासक संदीप सोनी ने बताया कि श्रद्धालुओं को गलत तरीके से लूटने की कोशिश करने पर श्रद्धालु की शिकायत पर पुलिस को धारा 420 के तहत मामला दर्ज कराया जा रहा है।

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